तुझे लोग मंदिरो मैं ढूँढते है तो कुछ लोग तुझे मस्जिदों मैं ढूँढते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
ख़ुद बना कर ये तुझे यूँ पैसों मैं तोलते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
तुझे लोग गुरुद्वारे मैं ढूँढते है तो कुछ लोग चर्च मैं ढूँढते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
तू बसता है हर इंसानो मैं हर कण मैं हर राहों मैं
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
तुझे लोग क़ुरान मैं ढूँढते है तो कई गीता मैं ढूँढते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
तू बसता है हर फूल हर कलियों मैं हर भूखे हर इंसानो मैं
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
पर ये इंसान भूखे को ना खिला कर मंदिरो ओर दरगाहों पर
चढ़ावा चढ़ाते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
ख़ुद बना कर ये तुझे यूँ पैसों मैं तोलते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
तुझे लोग गुरुद्वारे मैं ढूँढते है तो कुछ लोग चर्च मैं ढूँढते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
तू बसता है हर इंसानो मैं हर कण मैं हर राहों मैं
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
तुझे लोग क़ुरान मैं ढूँढते है तो कई गीता मैं ढूँढते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
तू बसता है हर फूल हर कलियों मैं हर भूखे हर इंसानो मैं
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
पर ये इंसान भूखे को ना खिला कर मंदिरो ओर दरगाहों पर
चढ़ावा चढ़ाते है
पर तू है कहाँ ये ख़ुद ये इंसान नहीं जानते है ।।
Very nice!
ReplyDeleteGreat msg 👌🏻👌🏻👌🏻
ReplyDeleteHeart touching words
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