Sunday, May 24, 2020

समय

समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।
इंसान बस यूँही हाथ मलता रह जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।
पल दो पल का साथ बस याद बन रह जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।
जो है इस वक़्त उसे थाम लो कल को बस उम्र भर
अफ़सोस रह जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।
जीना है तो इस पल मैं खुल के जी लो क्या पता
किससे दूर हमें ये समय ले जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।
जो है साथ उसकी क़दर करो क्या पता  ये समय
कल तुम्हारे पास से उसे कहीं दूर ले जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा  ।
जो है जितना है उसने ख़ुश रहो ज़्यादा पाने की
चाह तुम्हें आपनो से दूर कर जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।
जो करना है वो आज ही करो नहीं तो
ये वक़्त रेत की तरह कुछ यूँ निकल जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।
आज तुम किसी का भला करो ये समय का
पहिया तुमको उसका फल दे जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।
कभी बहुत ख़ुशियाँ तो कभी ग़म की बोछर
कर जाएगा हर वक़्त मैं समय अपनी छाप छोर जाएगा
समय कुछ इस क़दर निकल जाएगा ।

2 comments:

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sab badal jata hai

Phle Jo karte the fikar beintehaa aj unko khbar lene ki jarurt bhi jaruri ni lagti.... Khete hai fikar bhut tumhari par fikar jesi koi bat b...