Saturday, May 23, 2020

ख़्वाहिश जीने की

वो रोज़ की भागदौर वाली ज़िंदगी आज शांत सी हो गई है ।।
वो रोक की भागदौर वाली ज़िंदगी आज शांत सी हो गई है
वो पहले जैसी घर की रोनक आज हर घर मैं हो गई है ।।
वो रोज़ की भागदौर वाली ज़िन्दगी आज शांत सी हो गई है
वो पहले जैसे माँ के साथ बेठ बातों का दौर आज फिर से हो हुआ है ।।
वो रोज़ की भागदौर वाली ज़िंदगी आज शांत सी हो गई है
वो बरसो पहले बिताए हगे पाल आज जीने की ख़्वाहिश सी हो गई है ।।
वो रोज़ की भागदौर वाली ज़िंदगी आज शांत सी हो गई है
 वो पहले जेसे चिड़ियों का चहचाना कई बरसो बाद आज सुनाई सा आ रहा है ।।
वो बरसो बिताए साल आज जीने की ख़्वाहिश सी हो गई है
वो रोज़ भागदौर वाली ज़िंदगी आज शांत सी हो गई है ।।

1 comment:

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sab badal jata hai

Phle Jo karte the fikar beintehaa aj unko khbar lene ki jarurt bhi jaruri ni lagti.... Khete hai fikar bhut tumhari par fikar jesi koi bat b...