मन काग़ज़ की नाव बनाकर ख़्वाहिशों के गोते लगता रहता है।
सपने संजो कर कई दूर एक अपनी ख़्वाबों की नगरी बनते रहता है ।।
आँखो मैं प्यार की चमक को दिल मैं समायें ख़ुशी के पलों के सपने ।
को संजोय रहता है ख़्वाबों का एक आशियाँ बनाते रहता है ।।
खुली आज़ादी के तरंगो को भर कहीं दूर उड़ने की चाह मैं अपने पंखो ।
को बनाने की ख़्वाहिश बनाते रहता है मन क़ाग़ज़ की नाव बनाकर ख़्वाहिशों के गोते लगाते रहता है ।।
सपने संजो कर कई दूर एक अपनी ख़्वाबों की नगरी बनते रहता है ।।
आँखो मैं प्यार की चमक को दिल मैं समायें ख़ुशी के पलों के सपने ।
को संजोय रहता है ख़्वाबों का एक आशियाँ बनाते रहता है ।।
खुली आज़ादी के तरंगो को भर कहीं दूर उड़ने की चाह मैं अपने पंखो ।
को बनाने की ख़्वाहिश बनाते रहता है मन क़ाग़ज़ की नाव बनाकर ख़्वाहिशों के गोते लगाते रहता है ।।
Keep it up 👍🏻
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