ना नर है ना नारी हैं फिर भी हम सब पर भारी हैं
ना रखते तुम ख़याल हमारा
हम अपने आप मैं ही शिव शक्ति भंडारी है
ना है साथ माँ का दुलार ना है साथ पिता का हाथ
फिर भी कोसते है ये समाज चाहतें है ना ये हमारा साथ
ना नर है ना नारी है फिर भी हम सब पर भारी है
ना दे सको तुम इज़्ज़त तो ठीक पर हम इस समाज मैं बराबरी के हिस्सेदारी है
ना अपनाओ तुम हमको तो ठीक पर जीने के हम भी अधिकारी है
ना नर है ना नारी है फिर भी हम सब पर भारी है
ना करते हम किसी का बुरा बस दूसरों पर हम आभारी है
देते है दुआ सबको पर हमारी ख़ुद की झोली ख़ाली है
चाहते है हम भी ऐसा बचपन जैसे हर बच्चें की कहानी है
ना नर है ना नारी है फिर भी हम सब पर भारी है
ना दे सको तुम प्यार तो ठीक ओर ना ही हम तिरस्कार के अधिकारी है
बनाया है भगवान ने हम सब एक हीं माटी के सुराही है
करते है हम सवाल खुदा से क्या यही हमारी ज़िंदेगानी है
देते है हम आशीर्वाद हम सबको क्या हमारे लिए ये सब एक उनसुलझी सी कहानी है
ना नर है ना नारी है फिर भी हम सब पर भारी है
Well said 🙏🙌👏
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