भूला नहीं सकेंगे हम क़ुरबानी उनकी।
जो सरहदों पर हमारे लिए रात दिन जागते है ।।
सो सके सुकून से हम ये वो सोच सारी रात सरहदों पर जागते है।।
भूला नहीं सकेंगे हम दिया गया बलिदान उनका ।
जो रह कर दूर अपने परिवारों से ।।
पूरे देश के परिवारों का ख़याल रखते है ।।
भूला नहीं सकेंगे हम यूँ इस क़दर उनका तिरंगे मैं रुख़्सत होना ।
जो सीने पर खा के देश के नाम पर गोली ।।
ख़ुद को देश के नाम शहीद करते है ।।
भूला नहीं सकेंगे हम उनका यूँ इस क़दर जाना ।
Nice tribute to the bravehearts of our nation.
ReplyDeletePhir bhi Dil hai Hindustani...!!!
ReplyDeleteSalute
ReplyDeleteअसंख्य कीर्ति रश्मिया विकर्ण दिव्य दाह सी
ReplyDeleteसपूत मातृभूमि के रुको ना शूर साहसी।